Shiv chaisa Secrets
Shiv chaisa Secrets
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जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी
शिव आरती
समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो, जीनी है जिंदगी तो आगे देखो…।
सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ ।
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
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वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥ योगी यति मुनि ध्यान लगावैं ।
अर्थ: हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें shiv chalisa in hindi मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।
सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन